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11 मुखी रुद्राक्ष (Eleven Mukhi Rudraksha) को अत्यंत शक्तिशाली और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नेतृत्व, विजयी मानसिकता और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं। यह रुद्राक्ष साधना करने के लिए, मंत्र सिद्धि के लिए, और मानसिक स्थिरता के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।
Associated Planet: कोई ग्रह नहीं
11 मुखी रुद्राक्ष किसी विशेष ग्रह के दोष को शांत नहीं करता, बल्कि इसे सभी ग्रहों पर विजय प्रदान करने वाला माना जाता है। यह wearer के आत्मबल और निर्णय शक्ति को इतना मजबूत बनाता है कि वह ग्रहों के प्रभाव से ऊपर उठ सके। कई बार आपकी कुडंली में एक से अधिक ग्रह खराब स्थिति में होते हैं या एक ही घर में बैठे होते हैं इस तरह की स्थिति में आप 11 मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं।
Associated Deity: भगवान हनुमान (Lord Hanuman)
11 मुखी रुद्राक्ष का संबंध महाशक्तिशाली और अजर-अमर देवता हनुमान जी से है। हनुमान जी बल, बुद्धि, भक्ति, निर्भयता और निष्ठा के प्रतीक हैं। इसीलिए जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करते हैं उन्हें हनुमान जी का आर्शिवाद प्राप्त होता है और उस व्यक्ति में निर्भयता, साहस, और आत्मविश्वास का संचार होता है।
शुभ दिन: मंगलवार या शनिवार
धारण विधि:
इसे धारण करने से पहले आप इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध कर सकते हैं। उसके बाद हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर “ॐ ह्रीं हुम नमः” मंत्र का 108 बार जाप करके इसे गले में या बाजू पर धारण कर सकते हैं। रु्द्राक्ष को धागे के अलावा चांदी, तांबे या सोने में भी धारण किया जा सकता है।
रुद्राक्ष को पहनने के बाद कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे:- रुद्राक्ष को पूजा-पाठ और सत्कर्म के समय पहनना अच्छा माना जाता है।मांसाहार, शराब या अपवित्र कार्य करते समय इसे उतार के रख सकते हैं बाद में नहा धोकर इस दुबारा धारण कर सकते हैं।नियमित रूप से रुद्राक्ष की साफ सफाई करते रहना चाहिए और कुछ त्योहारों पर जैसे दीपावली और होली के समय इसे अभिमंत्रित करना चाहिए।