एक मुखी रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। अपने आध्यात्मिक महत्व और ऊर्जा के लिए इस रुद्राक्ष को महत्वपूर्ण माना जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव से संबंधित माना जाता है। इसको पहनने वाले व्यक्ति की जिंदगी में शांति समृद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है।
1 Mukhi rudraksha क्या है?
संस्कृत में ‘मुख’ शब्द का अर्थ चेहरा होता है। और रुद्राक्ष रुद्राक्ष वृक्ष (Elaeocarpus ganitrus) के फल से प्राप्त एक बीज है। एक मुखी रुद्राक्ष के सतह पर एक प्राकृतिक दरार या मुख पाया जाता है, जो इसे अन्य रूद्राक्षों से अलग बनाता है। यह बहुत ही रेयर बीड होती है। और आध्यात्मिक और औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
पौराणिक महत्व
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुए थे। एक मुखी रुद्राक्ष को रुद्राक्ष का सबसे शुद्ध और सबसे दिव्य रूप माना जाता है। क्योंकि यह सीधे शिव से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति आत्म साक्षात्कार करने के काबिल हो जाता है। और आध्यात्मिक की दिशा में सफल हो सकता है।
1 Mukhi rudraksha को पहनने के लाभ
आध्यात्मिक विकास
एक मुखी रुद्राक्ष आपकी ध्यान, एकाग्रता और मेडिटेशन करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है। इसको पहनने वाला व्यक्ति स्वयं की पहचान करने में सक्षम हो जाता है। और मैं कौन हूं? ऐसे सवालों के जवाब जानने की दिशा में बढ़ जाता है।
भावनात्मक विकास
जैसे कि हमने ऊपर समझा कि यह आपके मन को शांत करता है। जिसकी वजह से तनाव, चिंता और डिप्रेशन से आप दूर होते हैं। इस रुद्राक्ष को पहनने से आपके मन को आंतरिक शांति मिलती है।
भौतिक समृद्धि का विकास
ऐसा भी माना जाता है कि, यह धन, सफलता और अवसरों को आकर्षित करता है। इसके पीछे लॉजिक यह है कि, अगर आपका मन शांत होगा तो आप ज्यादा अच्छे से काम कर पाएंगे, और अगर अच्छे से काम कर पाएंगे तो, आपको जीवन में ग्रोथ मिलेगी।
स्वास्थ्य लाभ
एक मुखी रुद्राक्ष में स्वास्थ्य को ठीक करने के गुण भी होते हैं। खासकर मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों के लिए यह रुद्राक्ष काफी अच्छा माना जाता है। इस रुद्राक्ष को पहनने से ब्लड प्रेशर की समस्या का भी उपचार होता है। और यह आपके शरीर में ऊर्जा का विकास करता है।
1 Mukhi rudraksha के प्रकार:-
एक मुखी रुद्राक्ष के दो प्रकार होते हैं।
गोल (प्राकृतिक रूप से)
यह एक मुखी रुद्राक्ष की सबसे दुर्लभ किस्म है, जो बहुत ही सीमित मात्रा में पाई जाती है। यह रुद्राक्ष मुख्य रूप से नेपाल और इंडोनेशिया दोनों जगह से प्राप्त होते हैं।
काजू के आकार का एक मुखी रुद्राक्ष (आधा चांद )
एक मुखी रुद्राक्ष की यह बहुत ही प्रचलित किस्म है, जो की गोल किस्म के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। काजू के आकार का एक मुखी रुद्राक्ष मुख्यता दक्षिण भारत से आता है।
दोनों ही प्रकार के रुद्राक्ष पवित्र और लाभकारी माने जाते हैं। लेकिन गोल किस्म का एक मुखी रुद्राक्ष ज्यादा लोकप्रिय है। क्योंकि यह बहुत ही दुर्लभ है, और मार्केट में काफी महंगे दामों पर बिकता है।
1 Mukhi rudraksha को कैसे पहने?
रुद्राक्ष का शुद्धिकरण
पहनने से पहले रुद्राक्ष को किसी योग्य पुजारी के द्वारा किए गए अनुष्ठान के माध्यम से शुद्ध और जागृत (अभिमंत्रित) किया जाना चाहिए।
दिन और समय
रुद्राक्ष को पहनने का सबसे पवित्र दिन सोमवार को माना जाता है। क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। सोमवार को सुबह में रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।
स्थान
रुद्राक्ष को गले में पेंडेंट के रूप में भी पहना जा सकता है, या फिर आप इसकी किसी पवित्र स्थान पर रखकर पूजा भी कर सकते हैं। रुद्राक्ष को पहनते या पूजा करते समय इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए।