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रुद्राक्ष मुख के अनुसार कई प्रकार के होते हैं। प्रत्येक रुद्राक्ष में एक निश्चित संख्या में मुख (चेहरे) पाए जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण और अनोखी किस्म में से एक, ”दो मुखी” रुद्राक्ष भी है। जो अपने गहरे आध्यात्मिक और उपचार गुणों के कारण विशेष महत्व रखता है।
दो मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से दो मुख पाए जाते हैं। यह मुख्यता हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले Elaeocarpus ganitrus) वृक्ष के फल से प्राप्त एक नेचुरल बीज है। इस रुद्राक्ष को हिंदू पौराणिक कथाओं में दिव्य युगल भगवान शिव और देवी पार्वती की ऊर्जा से जुड़ा हुआ माना जाता है।
रुद्राक्ष में पाए जाने वाले दो मुख भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। जो संतुलन, सद्भाव और एकता को दर्शाते हैं। दो मुखी रुद्राक्ष शांति लाने, रिश्तो को मजबूत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता के लिए काफी महत्व रखता है।
दो मुखी रुद्राक्ष आपके मन और भावनाओं को संतुलित करता है। यह व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को एक रेखा में लाने में मदद करता है। जिससे आत्म जागरूकता की भावना बढ़ती है। दो मुखी रुद्राक्ष से कुछ इस तरह के आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया जा सकते हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष को अक्सर वो लोग पहनते हैं जो अपने रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हैं। चाहे वह किसी साथी के साथ हो, या फिर परिवार के सदस्यों या सहकर्मियों के साथ हों। कहा जाता है कि दो मुखी रुद्राक्ष शांति और सामंजस लाता है। गलतफहमी और संघर्षों को दूर करने में मदद करता है।
इस रुद्राक्ष में दो मुख होते हैं, जो कि आपके मन और आत्मा के बीच एकता को दर्शाते हैं। दो मुखी रुद्राक्ष आपको ध्यान केंद्रित करने और मन की स्पष्टता प्राप्त करने में काफी मदद करता है।
जैसा कि हमने पहले ही इस बात की चर्चा की, कि दो मुखी रुद्राक्ष देवी पार्वती और भगवान शिव से जुड़ा होता है। तो ऐसा माना जाता है, कि वह बाधाओं को दूर करने समृद्धि प्रदान करने और आपके जीवन में खुशियां लाने में मदद करते हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष अपने आध्यात्मिक महत्व के अलावा उपचारात्मक गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसके कुछ प्रमुख शारीरिक और भावनात्मक लाभ इस प्रकार हैं:–
यह मन को शांत करने, तनाव, चिंता और भावनात्मक उथल-पुथल को कम करने में मदद करता है। यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए बहुत ही बेहतर होता है जो स्वास्थ्य समस्याओं या मानसिक असंतुलन से जूझ रहे होते हैं।
यह रुद्राक्ष शरीर के बाएं हिस्से के कामकाज को सरल बनाता है। जिसे हमारा दायां मस्तिष्क नियंत्रित करता है। ऐसा कहा जाता है कि यह हार्मोनल सिस्टम को भी संतुलित करता है, और पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
दो मुखी रुद्राक्ष भावनात्मक बाधाओं को ठीक करने में मदद कर सकता है। जिससे प्रेम, करुणा और क्षमा की भावनाएं आती हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष को धागे या चैन में पिरोया जा सकता है। और गले में पेंडेंट के रूप में या कलाई पर ब्रेसलेट के रूप में पहना जा सकता है। इसे पहनने वाले को पूरे दिन इसकी ऊर्जा मिलती रहती है।
इस रुद्राक्ष का उपयोग आमतौर पर ध्यान साधना में किया जाता है। ध्यान करते समय दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मन को केंद्रित करने और चेतन की गहरी अवस्था प्राप्त करने में मदद मिलती है।
भक्त अक्सर भगवान शिव और देवी पार्वती से आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना या अनुष्ठान के दौरान दो मुखी रुद्राक्ष का उपयोग करते हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक विकास, रिश्तो में शांति या मानसिक स्पष्टता चाहने वाले कोई भी व्यक्ति द्वारा पहना जा सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो क्रोध, ईर्ष्या और निराशा जैसी नकारात्मक भावनाओं पर काबू पाना चाहते हैं। अगर आप अपने व्यक्तिगत जीवन में या व्यावसायिक जीवन में संघर्ष का सामना कर रहे हैं, तब भी आप दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।