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गणेश रुद्राक्ष भगवान गणेश का एक पवित्र प्रतीक माना जाता है। गणेश रुद्राक्ष, रुद्राक्ष की एक शक्तिशाली और शुभ किस्म है, जो भगवान गणेश से गहराई से जुड़ी हुई है।
भगवान गणेश को बुद्धि का देवता मानते हैं और वह हमें ज्ञान और समृद्धि प्रदान करते हैं। ऐसे ही यह रुद्राक्ष भी गणेश भगवान की दिव्य ऊर्जा को अपने में समाहित रखता है। इसका उपयोग आध्यात्मिक और व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसको एक माला के रूप में आप गले में धारण कर सकते हैं, जो कि आपका निर्णय लेने की क्षमता को अच्छा बनाता है।
जैसे की गणेश भगवान के सर पर हाथी का सर लगा हुआ है, ऐसे ही रुद्राक्ष में भी हाथी की सूंड की तरह एक भाग दिखाई देता है। यह आमतौर पर बुद्धि और आपकी निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। गणेश भगवान विघ्नहर्ता के नाम से भी जाने जाते हैं, जो कि हमारे जीवन की समस्याओं को हर लेते हैं। अगर आप गणेश रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाली समस्याओं का भी निवारण होने लगता है।
गणेश रुद्राक्ष को एक मुखी रुद्राक्ष के तौर पर भी देखा जाता है क्योंकि इसमें दो तरह के रुद्राक्ष जुड़े होते हैं। जिसमें नीचे एक गोल रुद्राक्ष होता है, उसके ऊपर एक काजू के आकार का रुद्राक्ष लगा रहता है, जो की हाथी की सूंड की तरह दिखाई देता है। जिसे गणेश रुद्राक्ष के नाम से जाना जाता है। इसे ही सवार रुद्राक्ष भी कहते हैं, जिसे एक मुखी रुद्राक्ष की संज्ञा प्रदान की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि गणेश रुद्राक्ष पहनने वाले को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। जैसे कि आध्यात्मिक मानसिक और शारीरिक लाभ।
क्योंकि भगवान गणेश बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं। इसलिए माना जाता है कि गणेश रुद्राक्ष पहनने से पहनने वाले को जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है। चाहे वह व्यक्तिगत बाधाएं हो या फिर करियर से जुड़ी बाधाएं।
ऐसा माना जाता है कि गणेश भगवान बुद्धि के देवता हैं, तो इस रुद्राक्ष को पहनने वाले की बुद्धि में वृद्धि होती है। यह रुद्राक्ष विद्यार्थियों को भी लाभकारी होता है। विद्यार्थी अपने निर्णय सही से ले पाए और उनकी याददाश्त भी बनी रहे। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति जो किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन का निर्णय ले रहे हैं, उनके लिए भी गणेश रुद्राक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। ताकि वह दूसरों के जीवन में सही निर्णय लेकर उनको सही राह दिखा पाए।
अन्य रुद्राक्ष की तरह गणेश रुद्राक्ष व्यक्ति को ध्यान करने में मदद करता है। इसे पहनने वाले को अपने आध्यात्मिक यात्रा में काफी सहायता मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि यह ध्यान के दौरान मानसिक शांति की भावना को बढ़ावा देता है।
भगवान गणेश को समृद्धि और धन का भी देवता माना जाता है। कहा जाता है कि गणेश रुद्राक्ष पहन ने से आर्थिक समृद्धि आती है और भौतिक सफलता में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
माना जाता है कि गणेश रुद्राक्ष शरीर की ऊर्जा को संतुलित करके प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। कुछ लोग तो यह भी दावा करते हैं, कि गणेश रुद्राक्ष पहनने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और कई शारीरिक बीमारियों से राहत मिलती है।
अगर आप गणेश रुद्राक्ष का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको गणेश रुद्राक्ष पूरी श्रद्धा भाव के साथ पहनना चाहिए। गणेश रुद्राक्ष पहनना के लिए कुछ दिशा निर्देश नीचे दिए गए हैं:-
गणेश रुद्राक्ष पहनने का सबसे आम तरीका माला के रूप में होता है। 108 मोती वाली माला पारंपरिक है, जिसमें भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बीच में या माला की शुरुआत में गणेश रुद्राक्ष का एक बीड डाल सकते हैं।
अगर आपके पास सोने की या चांदी की चेन है, तो आप उसमें गणेश रुद्राक्ष को पेंडेंट के रूप में पहन सकते हैं। यह तरीका भी रुद्राक्ष धारण करने का अच्छा तरीका है।
कुछ लोग गणेश रुद्राक्ष को ब्रेसलेट मैं लगाकर भी पहनना पसंद करते हैं। यह भी एक अच्छा तरीका है रुद्राक्ष को शरीर से जुड़ा हुआ रखने का लेकिन इस वाले तरीके में थोड़ी समस्याएं हैं। क्योंकि आपका हाथ कहीं लग सकता है, जिससे रुद्राक्ष टूटने का डर रहता है। वहीं रुद्राक्ष पर कुछ भी लग सकता है, तो इस तरीके को थोड़ा सावधानी के साथ इस्तेमाल करें।
अगर आप कोई भी रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो उसको धारण करने के लिए प्रक्रिया होती है, जो की धारण करने वाले को करनी चाहिए ताकि रुद्राक्ष अपना रिजल्ट दिखा सके। गणेश रुद्राक्ष के लिए आप एक साधारण सा अनुष्ठान करके गणेश गायत्री मंत्र या गणेश अष्टाक्षर मंत्र का पाठ कर सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष पहनने से पहले अगर आप मंत्र जाप करते हैं, तो रुद्राक्ष अभिमंत्रित हो जाता है और उस पर उस देवता की कृपा रहती है, जिससे जुड़ा हुआ रुद्राक्ष आपने धारण किया है।
गणेश गायत्री मंत्र: “ओम एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।”
गणेश अष्टाक्षर मंत्र: “ओम गं गणपतये नमः।”
इन मंत्रों का जाप बाधाओं को दूर करने, समृद्धि लाने और भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है