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पुखराज (yellow Sapphire) नौ रत्नों में से एक कीमती रत्न है, जिसे पहनकर लोगों की जिंदगी बदल जाती है। लेकिन ये बदलाव आयेगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है, कि आपके कुंडली में गुरु (jupitar) ग्रह की क्या स्थिति है। वो कुडंली के किस घर में बैठा है, किस घर का स्वामी है और कौनसे घर पर दृष्टि डाल रहा है।
ये आपको कोई AI उतने अच्छे से नहीं बता सकता। इसे जानने के लिए आपको एक ज्येतिषि से ही पारामर्श लेना चाहिये। क्योंकि ये जैसे ये रत्न आपके जिंदगी में अच्छे परिवर्तन ला सकते हैं, वैसे ही खराब स्थिति में होने पर आपको बहुत नुकशान भी कर सकते हैं। तो आईये जानते हैं पुखराज से जुड़ी कुछ बातें जो आपके बहुत काम आ सकती हैं, अगर आप भी पुखराज खरीदने की सोच रहे हैं।
बहुत से ऐसे ज्येतिषि हैं जो ये बोलते हैं, कि धनु राशि और मीन राशि वाले लोग पुखराज पहन सकते हैं। लेकिन ये तरीका सही नहीं है, क्योंकि भले आपकी राशि धनु या मीन हो इसका मतलब ये नहीं होता कि आपके कुंडली में गुरु सही स्थिति में ही हो। और अगर ऐसा नहीं हुआ तो पुखराज पहनने से गुरु (Jupitar) आपको बहुत सारे गलत रिजल्ट भी दे सकते हैं।
जैसे की आपको हेल्थ इश्यू हो सकते हैं। आपको धन की हानि हो सकती है। आप पर कोई कोर्ट केस भी हो सकता है। पुखराज पहनने का सही तरीका है कि आप अपनी कुडंली को किसी अच्छे ज्योतिषी से दिखायें और उनके परामर्श से ही कोई भी रत्न धारण करें। ताकि अगर उसका कोई गलत परिणाम हो तो ज्योतिष आपको पहले ही कुछ उपाय बता दें।
जी पुखराज पैसे को आकर्षित करता है लेकिन ये तभी होगा जब आपकी कुडंली में गुरु यानी की जुपीटर की स्थिति बहुत अच्छी है। अच्छी स्थिति से क्या मतलब है गुरु कुंडली में लग्न का स्वामी है या लग्नेश का मित्र बनकर किसी अच्छे घर में बैठा हो। अगर आपका गुरु धनभाव का स्वामी हो और भाग्य के घर में बैठा हो साथ ही लग्नेश का मित्र भी हो तो ये धन के क्षैत्र में अच्छे परिणाम दे सकता है। ये एक स्थिति उदाहरण के लिए बताई गई है ऐसी बहुत सी स्थिति होती हैं, जिसमें पुखराज पहनने से गुरु आपको काफी धन देता है।
पुखराज का सर्वश्रेष्ठ रंग चमकीला सुनहरा पीला (Golden Yellow) माना जाता है। इसे अक्सर कैनरी येलो (Canary Yellow) या गोल्डन येलो कहा जाता है। यह रंग सबसे अधिक प्रभावशाली, शुभ और ज्योतिषीय दृष्टि से शक्तिशाली माना जाता है।
असली और नकली पुखराज में फर्क समझना जरूरी है, क्योंकि बाजार में बहुत से सिंथेटिक, ग्लास, अमेरिकन डायमंड, और कलर ट्रिटेड पुखराज उपलब्ध होते हैं। नीचे दिए गए सरल तरीकों से आप इसकी पहचान आसानी से कर सकते हैं:
असली पुखराज में अंदर हल्के प्राकृतिक धागे, बबल की तरह डॉट्स या पतली लाइन्स होती हैं, जिन्हें नग्न आंखों या लूप 10x मैग्नीफायर से देखा जा सकता है। ज्यादातर नकली स्टोन पूरी तरह कांच की तरह बहुत ज्यादा साफ और बिना किसी इन्क्लूजन के होते हैं।
असली पुखराज में रंग गोल्डन येलो / लेमन येलो / डीप येलो प्राकृतिक चमक के साथ दिखाई देता है।
नकली या ग्लास पुखराज में रंग असमान, बहुत ज्यादा चमकीला या कृत्रिम लगता है।
असली पुखराज हाथ में लेने पर पहले ठंडा महसूस होता है, फिर धीरे-धीरे शरीर के तापमान के अनुसार गर्म होता है। नकली ग्लास / रेज़िन स्टोन तुरंत गर्म हो जाता है।
नकली ग्लास पुखराज में छोटे-छोटे बबल्स दिखाई देते हैं। असली रत्न में ऐसे बबल नहीं होते।
पुखराज मोज़ हार्डनेस स्केल पर 9 हार्डनेस रखता है।
इसका मतलब:
(लेकिन यह टेस्ट केवल विशेषज्ञ के साथ ही करें)
हमेशा GLI / GII / IGI-GTL / GRS / GIA जैसी reputed लैब का certificate देखें। स्थानीय दुकानदार का certificate मान्य नहीं होता।
जब कोई व्यक्ति सही रत्ती, सही धातु और सही विधि से असली पुखराज पहनता है, तो ग्रह बृहस्पति (Jupiter) से संबंधित कई सकारात्मक परिवर्तन धीरे-धीरे दिखाई देने लगते हैं। आमतौर पर इसके प्रभाव 7 से 45 दिनों के अंदर महसूस होने लगते हैं और पूर्ण प्रभाव 4–6 महीनों में मिलता है।
यदि रत्न अनुकूल न हो तो:
➡ ऐसे लक्षणों में रत्न को तुरंत हटाना चाहिए और ज्योतिष सलाह लेनी चाहिए।
पुखराज की कीमत कई महत्वपूर्ण तत्वों पर निर्भर करती है। सबसे पहले रंग (Color) इसकी वैल्यू का मुख्य आधार है—चमकीला गोल्डन येलो या कैनरी येलो रंग सबसे प्रीमियम माना जाता है, जबकि बहुत हल्का, फीका या हरेपन वाला रंग कम मूल्य का होता है। इसके बाद क्लैरिटी (Clarity) यानी पत्थर के अंदर मौजूद इन्क्लूजन, धागे या दाग-धब्बे भी कीमत तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जितना अधिक साफ और पारदर्शी पत्थर होगा, उतनी ही उसकी कीमत बढ़ती है।
उत्पत्ति (Origin) भी बहुत महत्वपूर्ण है—श्रीलंका (Ceylon) का पुखराज विश्व में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, जबकि बैंकॉक या अफ्रीका के पत्थर अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं। ट्रीटमेंट (Treatment) की बात करें तो बिना हीटिंग या बिना कृत्रिम प्रक्रिया वाले अनहीटेड नैचुरल पुखराज अधिक महंगे होते हैं, जबकि हीटेड या डाई किए गए स्टोन सस्ते मिलते हैं।
इसके अलावा वजन (Carat / Ratti) भी कीमत को प्रभावित करता है—बड़े साइज के क्लीन स्टोन बहुत दुर्लभ होते हैं, इसलिए उनका प्रति कैरेट रेट छोटे स्टोन की तुलना में अधिक होता है। कट (Cut & Shape) और फिनिशिंग भी कीमत बढ़ाने या घटाने में अहम भूमिका निभाते हैं।